West Bengal Loksabha election's 2024 पश्चिम बंगाल की राजनीति में हमेशा जाति के बजाय हमेशा मुझे हावी रहे हैं। चुनाव में बीजेपी और टीएमसी के मुद्दों के सहारे चुनाव में उतरी है। जानिए जनता के बीच इनका कितना असर है।
विनय मिश्र बोलपुर: मंगल आंदोलन को लेकर जब देश में विवाद चिड़ा तो बंगाल तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु ने कहा था कि राज्य में सिर्फ दो जाती है, अमीर और गरीब पहले नवजागरण की जातियों को ढीला किया, फिर वापसी दलों के लंबे शासन काल में जाति मतदान की आदत छुड़ादी। वामू के शासन में लोग या तो आम आदमी थे या फिर कांग्रेसी। फिर आई तोरण मूल कांग्रेस। चुनावी हिंसा, हिंदू मुस्लिम बटवारा और स्थानीय- बाहरी जैसे विवादों मैं गिरे बंगाल के मैदान, यहां जाति के आधार पर वोट नहीं होते.
पार्टी और प्रत्याशी देखकर वोट :
बिहार के लोग यहां बड़ी संख्या में बसे हैं, जो अपने गांव में जाति के नाम पर मतदान करते थे, वही लोग जब बंगाल के मतदाता बनते हैं, तो अपने पसंद के पार्टी और अच्छे इंसान को वोट देते हैं,
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